नई दिल्ली. फिल्म ‘दिल वाले दुल्हनियां ले जाएंगे’ एक सीन आपको याद होगा, जिसमें हीरो राहुल ट्रेन के गेट पर लटका होता है, ट्रेन छूट चुकी होती है और हिरोइन सिमनर दौड़ रही होती है. लेकिन हावड़ा स्टेशन में एक दूल्हे की ट्रेन छूटने वाली होती है. यह देख बाराती डीआरएम से मदद मांगते हैं. रेलवे भी तुरंत हरकत में आ जाता है और किसी तरह दूल्हे समेत पूरी बारात को ट्रेन में बैठता है.
मुंबई से गुवाहाटी ट्रेन से बारात जा रही थी. कनेक्टिंग ट्रेन सत्याग्रह एक्सप्रेस हावड़ा से पकड़नी थी. ट्रेन छूटने का समय करीब आ रहा था और बाराती करीब 15 किमी. दूर थे. ट्रेन पकड़ पाना मुश्किल लग रहा था. बारात में शामिल चन्द्रशेखर बाघ को एहसास हुआ कि बारात में कई बुजुर्ग और बच्चे हैं, जो स्टेशन पर कनेक्टिंग ट्रेन पकड़ने के लिए तेज़ी से चलने में असमर्थ थे. इस तरह ट्रेन छूटना लगभग तय हो गया.
इस दौरान उन्हें एक आइडिया आया और उन्होंने हावड़ा के डीआरएम और डीसीएम को ट्विटर कर मदद मांगी. दोनों तुरंत एक्टिव हो गए और रेलवे कर्मचारियों को मदद करने के निर्देश दिए, जिससे उनकी ट्रेन छूट न पाए. रेलवे कर्मचारियों ने पूरा प्लान बना लिया. बारात में शामिल 35 लोगों के लिए प्लेटफार्म नंबर 21 ( न्यू कांप्लेक्स) से प्लेटफार्म 9 ( ओल्ड कांप्लेक्स) तक एक विशेष कॉरडिोर बना लिया गया. करीब एक दर्जन से अधिक कर्मचारियों की तैनाती कर दी गयी. प्लेटफार्म पर बैटरी वाली गाड़ी पहले से खड़ी कर दी गयीं.
गीतांजलि एक्सप्रेस के प्लेटफार्म पर पहुंचते ही कर्मचारियों ने तुरंत बारातियों का सामान उतारा और बैटरी गाडि़यों पर सामान रखा, इन्हीं में बुजुर्गो को बैठाया गया. सभी बारातियों को विशेष कॉरिडोर से प्लेटफार्म पर नंबर 21 पर पहुंचाया गया और सत्याग्रह के आते ही सामान सहित सभी को सुविधाजनक ढंग से ट्रेन में बैठा दिया गया. इस तरह दूल्हा समय से बारात लेकर दुल्हन के घर पहुंचा गया.
Tags: Indian railway, Indian Railway news, Wedding Ceremony
FIRST PUBLISHED : November 16, 2024, 10:42 IST
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