Travels: बारिस का मौसम चारों ओर सुंदरता को बिखेर देता है. ऐसे में कई लोग घूमने का भी प्लान कर लेते हैं. इस बारे में आपको बता दें, मानसून के मौसम में घूमने वालों के लिए दक्षिण भारत में प्राकृतिक नजारों वाली जगहों की कोई कमी नहीं है. जिंदगी की थकान मिटाने के लिए मानसून के मौसम में प्रकृति की हरियाली में कुछ समय बिताना ही अगले कुछ महीनों के लिए एक नई ऊर्जा दे जाता है. जिससे आप एक बार फिर नई ताजगी के साथ अपने काम में जुट सकते हैं.
आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका नाम कम ही लोगों ने सुना होगा. जी हां, और इस जगह का नाम मुल्लाय्यानगिरी चोटी. यह जगह चिक्कामगलुरु से लगभग 25 किमी की दूरी पर स्थित एक हिल स्टेशन है. इस चोटी की उंचाई 6,317 फीट है. इस हिल स्टेशन पर सूर्यास्त का नजारा देखने लायक होता है.
चिक्कामगलुरु को देश-विदेश में कॉफी के बागानों के लिए भी जाना जाता है. यहां आने वाले पर्यटकों को कॉफी के बागानों के देखने के साथ ही यहां पर मौजूद कॉफी संग्रहालय भी देखने का मौका मिलता है. यहां स्थित देवी शारदम्बा मंदिर के भी लोग दर्शन करने जाते हैं. इस मंदिर में मां शारदम्बा जिन्हें श्रृंगेरी विद्या की देवी की मूर्ती स्थापित है. हिंदू धर्म के मानने वालों में ये एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है.
चिक्कामगलुरु में कालेश्वर मंदिर भी है. यह मंदिर चिक्कामगलुरु से लगभग 90 किमी दूर है. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित कालेश्वर मंदिर और अगस्त्येश्वर मंदिर हैं जो की कलासा का प्रमुख धार्मिक स्थल है.
FIRST PUBLISHED : August 5, 2024, 12:11 IST
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