कोटा राज. कोटा रेल मंडल में दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग पर ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने के लिए जोर-शोर से काम चल रहा है. रेलवे का लक्ष्य है कि इस मार्ग पर ट्रेनें 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ें. इसके लिए नागदा से मथुरा के बीच 545 किलोमीटर लंबे ट्रैक को अपग्रेड किया जा रहा है. इस काम में 2665 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होंगे. यह प्रोजेक्ट रेलवे के ‘मिशन रफ्तार’ का हिस्सा है, जिसके तहत देशभर में ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने के लिए रेलवे ट्रैक और इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड किया जा रहा है. कोटा रेल मंडल में यह काम ‘गति शक्ति यूनिट’ की देखरेख में हो रहा है.

कोटा रेल मंडल के सीनियर डीसीएम रोहित मालवीय ने बताया कि ट्रेन की रफ्तार 160 किमी प्रतिघंटा ले जाने के लिए कोटा रेल मंडल में ट्रेन की पटरियों पर खास तरह के थिक वेव स्वीच लगाए जा रहे. आपका सफर आसान होने के साथ कम समय में पूरा हो इस दिशा में कोटा रेल मंडल ने थिक वेव स्वीच को लेकर काम तेजी से शुरू किया है ताकि ट्रेनों की रफ्तार को और गति दी जा सके.

आखिर क्या है थिक वेब स्विच
रोहित मालवीय ने बताया कि पटरियों में ट्रेनों की दिशा बदलने के लिए टर्न आउट लगे होते है. अभी तक उसमें परम्परागत स्विच का यूज होता रहा है लेकिन अब थिक वैब स्विच लगाने का काम तेजी से चल रहा है. थिक वैब स्विच लगाने का मुख्य उद्देशय ट्रेनों को 130 किमी प्रति घण्टे की स्पीड तक ले जाना है, जिसे भविष्य में 160 किमी प्रति घण्टे तक बढ़ाया जा सकेगा. इसके अलावा इससे लूप लाइन में भी ट्रेनें की गति 30 किमी प्रति घण्टे से बढ़कर 50 किमी प्रति घंटे हो सकेगी. इसके साथ ही ट्रेनों के संचालन के दौरान इस नई तकनीकी के प्रयोग से कम्पन भी कम होता है.

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थिक वैब स्वीच के रफ्तार के साथ कई और फायदे
कोटा रेल मंडल के सीनियर सेक्शन इंजीनियर ने बताया कि थिक वैब स्विच ट्रैक की सुरक्षा को मजबूत बनाने के साथ- साथ उसकी लाइफ को भी बढ़ता है.इस नई तकनीक के प्रयोग से टर्न आउट सम्बंधित फेलियर न के बराबर रह जाते है. इस पर अनुरक्षण व्यय पहले की तुलना में कम आता है. ट्रैक पर अनुमानित गति बढ़ाई जा सकती है. सामान्य प्वाईन्ट की तुलना में थिक वैब स्वीच की आधुनिक प्रणाली विश्वसनीय है.

अत्याधुनिक तकनीक का होगा उपयोग
सीनियर सेक्शन इंजीनियर ने बताया कि रेलवे ने पहली तिमाही में 106 लाइनों पर ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने के लिए लाइनों पर थिक वैब स्विच लगाए है. रेलवे की सुविधाओं को विस्तार के उद्देश्य से इंजीनियरिंग विभाग की ओर से अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है. जिससे रेल परिचालन के साथ सुरक्षा में इजाफा किया जा सके इसी दिशा में पश्चिम मध्य रेल में अलग अलग रेलखंडों में स्पीड को बढ़ाने के लिए नई तकनीक का उपयोग रफ्तार को गति दी जा रही है.2024 के आखिरी तक पूरे मंडल में थिक वेव स्वीच लगाने का लक्ष्य रखा है ताकि ट्रेनों की रफ्तार तेज की जा सके और भारतीय रेलवे को गति मिलने के साथ आपके सफर में लगने वाले वक्त को कम किया जा सके.

Tags: Kota news, Local18, Rajasthan news



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