Gold Smuggling: चेन्नई एयरपोर्ट पर एक ऐसा भी इलाका है, जहां पर ना ही भारतीय कानून लागू होता है और ना ही जांच का कोई झंझट है. सोना तस्करों की पूरी कोशिश होती है कि वह इसी इलाके में अपने मंसूबों को अंजाम देकर आगे बढ़ जाएं. इस इलाके में वह पकड़े भी गए तो उन्हें गिरफ्तारी का कोई डर नहीं होता है. चेन्नई एयरपोर्ट के इस इलाके को सुरक्षित करना कस्टम सहित अन्य सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती बन गया है.
दरअसल, हम जिस खास इलाके की बात कर रहे हैं, वह चेन्नई एयरपोर्ट का इंटरनेशनल ट्रांजिट एरिया है. बीते दिनों, सोना तस्करी के मामलों में इमिग्रेशन अधिकारियों और टर्मिनल में स्थित दुकानों के कर्मचारियों की संलिप्तता सामने आने के बाद सीआईएसएफ इंटेलिजेंस ने एयरपोर्ट पर मौजूद उन खामियों को नए सिरे से तलाशना शुरू किया था, जिसका फायदा उठाकर सोना तस्कर अपने मंसूबों को पूरा करने में लगे हुए हैं.
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सामने आया ट्रांजिट एरिया से ऑपरेट होने वाला सिंडिकेट
इसी कवायद के दौरान, सीआईएसएफ इंटेलिजेंस का ध्यान उन मामलों पर भी गया, जिसमें इंटरनेशनल ट्रांजिट एरिया में तस्करी के इरादे से लाया गया सोना एयरपोर्ट स्टाफ को हैंडओवर किया गया था. इस दौरान, यह बात भी सामने आई कि ट्रांजिट एरिया के रास्ते सोना तस्करी करने वाले ज्यादातर तस्कर श्रीलंका मूल के हैं.
श्रीलंका मूल के ये तस्कर सोने को दुबई से लेकर चेन्नई आते हैं और चेन्नई से श्रीलंका के लिए रवाना हो जाते हैं. चेन्नई एयरपोर्ट पर ट्रांजिट के दौरान, उनकी कोशिश होती है कि वह तस्करी के इरादे से लाए गए सोने को एयरपोर्ट स्टाफ को सौंप कर खुद कोलंबो चले जाते हैं. वहीं, एयरपोर्ट स्टाफ किसी तरह इस सोना को टर्मिनल से बाहर निकालकर ले जाता है.
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विदेशी तस्करों को नहीं होता है गिरफ्तारी का भी डर
एयरपोर्ट सूत्रों के अनुसार, इंटरनेशनल ट्रांजिट एरिया में भारतीय कानून लागू नहीं होता है, लिहाजा सोना तस्करी में लिप्त विदेशी तस्करों को गिरफ्तारी का भी डर नहीं होता है. यदि किसी हालत में उन्हें जांच के दौरान पकड़ भी लिया गया तो यह कहकर बच जाते हैं कि उनका फाइनल डेस्टिनेशनल कोलंबो है, वह वहीं जाकर अपनी ड्यूटी का भुगतान करेंगे.
कानून भारतीय सुरक्षा एजेंसियों और कस्टम को इन ट्रांजिट पैसेंजर के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई का अधिकार नहीं है. लिहाजा, ये विदेशी तस्कर बेखौफ होकर सोना तस्करी की वारदात को अंजाम देने में लगे रहे हैं. हालांकि, इन विदेशी तस्करों द्वारा लाया गया सोना भारतीय सीमा में दाखिल न हो पाए, इसके लिए सीआईएसएफ सहित विभिन्न एजेंसियों ने व्यापक स्तर पर कवायद शुरू कर दी है.
सीआईएसएफ ने शुरू की कैमरे से निगरानी की कवायद
ट्रांजिट एरिया में चल रहे इस सिंडिकेट के खुलासे के बाद सीआईएसएफ ने नए सिरे से सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने की कवायद शुरू कर दी है. इस कवायद के तहत, ट्रांजिट एरिया में उन सभी इलाकों की पहचान की गई है, जो सीसीटीवी कैमरों की जद में नहीं आते हैं. सीआईएसएफ ने एयरपोर्ट ऑपरेटर को ट्रांजिट एरिया में करीब 250 कैमरों को इंस्टाल कर हर कोने को सीसीटीवी कैमरों की जद में लाने को कहा है.
इसके अलावा, टॉयलेट में सोना हैंडओवर करने की संभावनाओं को देखते हुए ट्रांजिट एरिया में स्थिति टॉयलेट में एयरपोर्ट स्टाफ के जाने पर रोक लगा दी गई है. अब इन टॉयलेट्स का इस्तेमाल सिर्फ यात्री ही कर कसते हैं. इसके अलावा, ट्रांजिट एरिया में तैनात एयरपोर्ट स्टाफ की ड्यूटी खत्म होने के बाद फ्रिस्किंग शुरू करने की बात चल रही है.
Tags: Airport Diaries, Airport Security, Delhi airport, IGI airport
FIRST PUBLISHED : July 17, 2024, 13:12 IST
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