भारत के सबसे पवित्र शहरों का नाम लिया है, तो उत्तर प्रदेश के वाराणसी का नाम कई लोग सबसे पहले लेते हैं। गंगा नदी के तट पर मौजूद वाराणसी काशी विश्वनाथ मंदिर और मणिकर्णिका घाट के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है।

यह सच है कि वाराणसी काशी विश्वनाथ मंदिर के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन इस शहर में अन्य और भी ऐसे कई मंदिर मौजूद हैं, जो करोड़ों भक्तों के लिए आस्था के केंद्र माने जाते हैं।

वाराणसी में स्थित लक्ष्मी कुंड एक ऐसा मंदिर है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां एक साथ तीन देवी यानी मां लक्ष्मी, काली और सरस्वती पूजी जाती हैं। इस आर्टिकल में हम आपको लक्ष्मी कुंड मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं।

लक्ष्मी कुंड मंदिर का इतिहास (Lakshmi kund temple varanasi history)

mahalakshmi kund temple varanasi

वाराणसी में स्थित लक्ष्मी कुंड मंदिर के इतिहास को लेकर कोई सटीक जानकारी नहीं है, लेकिन लोककथा और पौराणिक मान्यता के अनुसार इस मंदिर का निर्माण देवताओं का द्वारा किया गया था।

लक्ष्मी कुंड मंदिर के पास में एक पवित्र कुंड मौजूद है और इस कुंड के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण अगस्त ऋषि ने करवाया था। माना जाता है कि मंदिर और कुंड का जिक्र पुराणों में भी मिलता है।

READ THIS POST ALSO :   Festival Special Trains: दशहरा-छठ त्यौहार पर रेल टिकट के लिए ना हों परेशान, इस रूट पर बढ़ाई गई ट्रेनों की संख्या, देखें लिस्ट

इसे भी पढ़ें:Diwali Long Weekend: दिवाली पर 1 दिन की छुट्टी लेकर 4 दिन तक घूमने का लुत्फ उठा सकते हैं, जानें कैसे

लक्ष्मी कुंड मंदिर की पौराणिक कथा (Lakshmi kund temple varanasi myth)

लक्ष्मी कुंड मंदिर को लेकर कई मान्यताएं प्रचलित हैं। इस पवित्र मंदिर को शक्तिपीठ के रूप में पूजा जाता है। इस मंदिर के बारे में बोला जाता है कि यह देश का एक ऐसा मंदिर है जहां एक मूर्ति में तीन देविओं यानी मां लक्ष्मी, काली और सरस्वती की पूजा होती है।

लक्ष्मी कुंड मंदिर के बारे में एक लोककथा प्रचलित है कि यहां जो भी महिला विधि विधान के साथ 16 दिनों का उपवास रखकर पूजा-पाठ करती है, तो उनके घर में खुशियां ही खुशियां आती हैं।

लक्ष्मी कुंड मंदिर को लेकर एक अन्य पौराणिक कथा है कि माता पार्वती ने यहां 16 दिनों तक उपवास रखी थी। इसी बीच माता लक्ष्मी भी यहां पहुंची और पार्वती को साथ चलने को कहा लेकिन पार्वती मां नहीं गई। इसके बाद माता लक्ष्मीयहीं विराजमान होकर पूजा-अर्चना करने लगी। पूजा अर्चना देख मां काली और सरस्वती खुश हो गई और वो भी यहां आ गईं।

दिवाली पर लाखों भक्त पहुंचते हैं

mahalakshmi kund temple

लक्ष्मी कुंड मंदिर स्थानीय लोगों के लिए एक पवित्र मंदिर है। यहां हर दिन हजारों लोग दर्शन के लिए पहुंचते हैं। खासकर, धनतेरस और दिवाली के मौके पर यहां देश के हर कोने से भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं।
दिवाली के मौके पर इस मंदिर को फूलों से सजा दिया जाता है, वहीं मंदिर की गलियों को लाइटों से सजा दिया जाता है। मान्यता है कि यहां जो भी सच्चे मन से पहुंचता है उसकी सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं। कहा जाता है कि यहां कई महिलाएं पुत्र और पुत्री की कामना लेकर पहुंचती हैं।

READ THIS POST ALSO :   कपल्स की पहली पसंद अब पेरिस नहीं! मोस्‍ट रोमांटिक जगहों की लिस्‍ट में बना ये शहर नंबर वन,कौन है नया 'City of Love'

लक्ष्मी कुंड मंदिर के आसपास घूमने की जगहें

लक्ष्मी कुंड मंदिर के आसपास ऐसी कई शानदार और पवित्र जगहें मौजूद हैं, जिन्हें भी आप एक्सप्लोर कर सकते हैं। जैसे- काशी विश्वनाथ मंदिर, मणिकर्णिका घाट, भारत माता मंदिर, दशाश्वमेध घाट और अहिल्याबाई घाट को एक्सप्लोर कर सकते हैं। इसके अलावा, गंगा नदी में आप बोटिंग का भी शानदार लुत्फ उठा सकते हैं।

इसे भी पढ़ें:Uttarakhand Hidden Places: स्वर्ग से कम नहीं है उत्तराखंड का यह अद्भुत गांव, पांडवों से जुड़ा है रिश्ता

लक्ष्मी कुंड मंदिर कैसे पहुंचें?

why lakshmi kund temple varanasi is so famous in hindi

लक्ष्मी कुंड मंदिर मंदिर पहुंचना बहुत ही आसान है। आप उत्तर प्रदेश के किसी भी शहर से यहां पहुंच सकते हैं। आपको बता दें कि सबसे पास में वाराणसी एयरपोर्ट मौजूद है। एयरपोर्ट से टैक्सी या कैब लेकर आराम में लक्ष्मी कुंड मंदिर पहुंच सकते हैं। इसके अलावा, इस मंदिर के सबसे पास में वाराणसी रेलवे स्टेशन है। रेलवे स्टेशन से टैक्सी, रिक्शा या कैब लेकर लक्ष्मी कुंड मंदिर पहुंच सकते हैं।

अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो, तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें। इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Image@blogspot.com,pawanpath.up.gov.in

Source link

Leave a Reply

x
error: Content is protected !!
Scroll to Top

Discover more from MakeMaTrip

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

Enable Notifications OK No thanks