रीवा, मध्य प्रदेश का एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक शहर, अपने खूबसूरत गोविंदगढ़ झील और इसके किनारे स्थित गोविंदगढ़ पैलेस के लिए प्रसिद्ध है. झील की प्राकृतिक सुंदरता और पैलेस की भव्यता सैलानियों को मंत्रमुग्ध कर देती है. यह स्थान, जिसे स्थानीय लोग “आनंद का खजाना” भी कहते हैं, न केवल प्राकृतिक सौंदर्य बल्कि ऐतिहासिक धरोहर का अद्वितीय मेल है.

गोविंदगढ़ झील का इतिहास और संरचना
गोविंदगढ़ झील का निर्माण 1855 में रीवा के महाराजा विश्वनाथ सिंह जूदेव द्वारा करवाया गया था. यह झील करीब 850 एकड़ के क्षेत्र में फैली हुई है और इसका निर्माण राजा की इच्छा के अनुरूप राजमहल के पास एक विशाल शीतल जलस्रोत के रूप में हुआ था. इसे रीवा रियासत की राजधानी से 20 किलोमीटर की दूरी पर बनाया गया था ताकि रियासत की भव्य जीवनशैली और प्रकृति का आनंद एक साथ लिया जा सके. इस ऐतिहासिक झील का यह महल लगभग एक शताब्दी तक रीवा के शाही परिवार का प्रिय निवास स्थान रहा है.

गोविंदगढ़ पैलेस और किले की भव्यता
गोविंदगढ़ किला, जिसे गोविंदगढ़ पैलेस भी कहा जाता है, झील के किनारे स्थित है. यह राजमहल न केवल वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना है बल्कि उस समय के रीवा राजघराने की भव्य जीवनशैली का भी प्रमाण है. स्वतंत्रता के बाद, रियासतों के पतन के कारण इस महल को छोड़ दिया गया था. हालांकि, 2018 में इसका पुनर्निर्माण कर इसे एक लग्जरी होटल में बदलने की योजना शुरू की गई.

पर्यटकों के लिए आकर्षण
गोविंदगढ़ झील के किनारे फैले हरे-भरे बगीचे और आसपास का शांत वातावरण इसे एक आदर्श पिकनिक स्थल बनाते हैं. यहां का प्राकृतिक दृश्य अद्भुत है और सूर्योदय या सूर्यास्त के समय इस झील का नजारा मंत्रमुग्ध कर देने वाला होता है. इस झील के किनारे एक शानदार रेस्टोरेंट भी स्थित है, जहां पर्यटक अपने परिवार के साथ लंच, डिनर का आनंद ले सकते हैं. यहां सर्व-सुविधायुक्त पार्किंग और रात्रि विश्राम के लिए उत्कृष्ट व्यवस्थाएं उपलब्ध हैं, जो इसे एक परिपूर्ण पर्यटन स्थल बनाती हैं.

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रीवा के प्रमुख पर्यटन स्थलों में गोविंदगढ़ का महत्व
रीवा शहर के बीचोंबीच स्थित गोविंदगढ़ झील और पैलेस न केवल स्थानीय लोगों के लिए बल्कि दूर-दराज से आने वाले पर्यटकों के लिए भी खास आकर्षण है. यहां आने वाले पर्यटक इस झील की खूबसूरती और पैलेस की भव्यता का अनुभव करते हुए रीवा के गौरवशाली इतिहास को महसूस कर सकते हैं. यह तालाब हरे-भरे बगीचों से घिरा हुआ है, जो न केवल इसकी सुंदरता को बढ़ाते हैं बल्कि सुकून देने वाले माहौल का निर्माण भी करते हैं.

गोविंदगढ़ तक पहुंचने के आसान साधन
हवाई मार्ग: रीवा में एक नया हवाई अड्डा बन चुका है, जिससे देश के किसी भी कोने से यहां पहुंचना सुविधाजनक हो गया है.
रेल मार्ग: गोविंदगढ़ रेलवे स्टेशन से झील और पैलेस तक आसानी से पहुंचा जा सकता है.
सड़क मार्ग: रीवा शहर से गोविंदगढ़ महज 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. अन्य शहरों से भी सड़क मार्ग के माध्यम से इस झील तक पहुंचा जा सकता है. उदाहरण के लिए, प्रयागराज से 140 किमी, खजुराहो से 165 किमी, सतना से 50 किमी, बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान से 120 किमी, जबलपुर से 230 किमी और चित्रकूट से 150 किमी की दूरी पर स्थित है.

Tags: Local18, Madhyapradesh news, Rewa News, Travel

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