महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ कितनी रहती है, ये तो हम सभी जानते हैं, और भक्तों के लिए यहां जब से अनगिनत सुविधाएं शुरू हुई हैं, तब से तो और भी ज्यादा लोगों के लिए यहां आना आसान हो गया है। इन फैसलिटीज में एक और चीज शामिल कर दी गई है, अब नंदी द्वार से महाकाल लोक तक के मार्ग में हर 30 मीटर पर कैनोपी लगाई हैं। इनमें आप आराम से बैठ सकते हैं, और यही नहीं पानी पीने की व्यवस्था भी इसमें की गई है। इससे खास रूप से बुजुर्गों और दिव्यांग श्रद्धालुओं को सबसे बड़ी राहत मिलेगी, जो पैदल चलते समय थकान फील करते हैं।

6 कैनोपी किए गए हैं स्थापित

6 कैनोपी किए गए हैं स्थापित

​उज्जैन महाकाल के नंदी द्वार से त्रिनेत्र कंट्रोल रूम तक श्रद्धालु पैदल चलते हुए महाकाल लोक की खूबसूरती का मजा उठा सकते हैं। इस समय उन्हें लंबा सफर करना पड़ता है, जिससे थकान महसूस होने लगती है। इस परेशानी को देखते हुए महाकाल लोक में 6 कैनोपी स्थापित की गई है। इनमें सोफे और कुर्सियों की भी व्यवस्था रखी गई है, जिसपर श्रद्धालु आराम कर सकें। यही नहीं, पीने के लिए पानी की भी व्यवस्था यहां की गई।

ई कार्ट गाड़ियों को फिर से शुरू कर दिया

ई कार्ट गाड़ियों को फिर से शुरू कर दिया

बता दें, बुजुर्ग और दिव्यांग श्रद्धालुओं के लिए मंदिर समिति ने बंद पड़ी ई-कार्ट गाड़ियों को फिर से चालू कर दिया है। फिलहाल, 16 ई-कार्ट गाड़ियां चल रही हैं, जिनमें से 5 गाड़ियां वीआईपी श्रद्धालुओं के लिए आरक्षित हैं। इसके अलावा, मान सरोवर और नीलकंठ द्वार के पास ई-कार्ट का नया लॉट भी तैयार किया जाएगा।

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मंदिर जाने का सही समय

मंदिर जाने का सही समय

अक्टूबर से मार्च (सर्दी का मौसम): यह समय उज्जैन घूमने के लिए सबसे बढ़िया है। इस दौरान मौसम सुहाना रहता है, जिससे दर्शन और आसपास के क्षेत्रों में आसानी से घुमा जा सकता है।
गर्मी का मौसम (अप्रैल से जून): दिन में तापमान ज्यादा होता है, लेकिन सुबह और शाम के समय दर्शन किए जा सकते हैं।

भस्म आरती का समय

भस्म आरती का समय

​भस्म आरती सुबह 4 बजे होती है और यह मंदिर की एक अनोखी परंपरा है। इसे देखने के लिए श्रद्धालुओं को पहले से ऑनलाइन या ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन करना पड़ता है।
भस्म आरती का अनुभव लेने के लिए दर्शनार्थियों को समय से पहले (सुबह 3 बजे तक) पहुंचने की सलाह दी जाती है।

कैसे पहुंचे महाकाल मंदिर

कैसे पहुंचे महाकाल मंदिर

रेल मार्ग: उज्जैन जंक्शन महाकाल मंदिर से लगभग 2-3 किमी दूर है।
उज्जैन भारत के प्रमुख शहरों (जैसे, दिल्ली, मुंबई, भोपाल, इंदौर, और जयपुर) से रेल द्वारा कनेक्टेड है।रेलवे स्टेशन से मंदिर तक पहुंचने के लिए ऑटो रिक्शा, टैक्सी या बस ले सकते हैं।
हवाई मार्ग:
सबसे नजदीकी हवाई अड्डा इंदौर (देवी अहिल्या बाई होलकर एयरपोर्ट) है, जो उज्जैन से लगभग 55 किमी दूर है।
इंदौर एयरपोर्ट भारत के प्रमुख शहरों (जैसे, दिल्ली, मुंबई, पुणे) से जुड़ा हुआ है।
एयरपोर्ट से उज्जैन के लिए टैक्सी या बस आसानी से उपलब्ध हैं।
सड़क मार्ग:
उज्जैन सड़क मार्ग से मध्य प्रदेश के बड़े शहरों और आसपास के राज्यों से अच्छी तरह से कनेक्टेड है।
नजदीकी प्रमुख शहरों से दूरी:
इंदौर: 55 किमी
भोपाल: 190 किमी
नागपुर: 450 किमी

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