हैदराबाद: निजामों के शहर के नाम से मशहूर हैदराबाद में एक हटियान झाड़ बाओबाब पेड़ है. यह पेड़ अफ्रीका के मेडागास्कर से आया है और माना जाता है कि इसे 1569 के दौरान अरब व्यापारियों द्वारा भारत लाया गया था. इस वृक्ष को ‘हटियान झाड़ बाओबाब पेड़’ कहा जाता है. इसे ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसका घुमावदार और नुकीला तना हाथी जैसा दिखता है. 25 मीटर परिधि वाले इस पेड़ के अंदर एक खोखला गड्ढा है.

अद्भुत है यह वृक्ष
लगभग 25 मीटर परिधि वाले तने के अंदर एक खोखला गड्ढा है, जो इतना बड़ा है. यहां मौजुद पर्यटक शुरवी कुमारी के अनुसार 40 लोग इसके अंदर समा सकते हैं. पर्यटकों और हैदराबादियों के लिए यह एक ऐसी जगह है. जिसे कोई आसानी से मिस नहीं कर सकता है. हटियान का झाड़ वह जगह है. जहां भगवान की एक अद्भुत रचना और हैदराबादी इतिहास का एक पवित्र टुकड़ा समाहित है.

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षण
यहां के स्थानीय टूरिस्ट गाइड एस. कुमार के अनुसार भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा इसके चारों ओर लोहे की बाड़ लगाकर संरक्षित इस पेड़ को हैदराबाद गोल्फ क्लब में रखा गया है. पर्यावरण कार्यकर्ताओं द्वारा पेड़ की रक्षा करने की बढ़ती मांग और स्थानीय लोगों द्वारा नुकसान पहुंचाने की शिकायतों के बाद कुछ साल पहले एएसआई ने इसे राष्ट्रीय महत्व का ‘संरक्षित स्मारक’ घोषित किया है.

हटियान झाड़ कैसे पहुंचें
हटियान झाड़ बाओबाब पेड़ के पहुंचने के लिए निकटतम मेट्रो स्टेशन जुबली हिल्स चेक पोस्ट मेट्रो स्टेशन है, जो 3 किमी की दूरी पर है. सड़क मार्ग से आप पेड़ तक पहुंचने के लिए ऑटो या रिक्शा भी ले सकते हैं, जो आपको यहां आसानी से पहुंचा देगा.

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वहीं, कहा जाता है कि यह पेड़ किसी अफ्रीकी यात्री ने लगाया था, लेकिन इसका समर्थन करने के लिए कोई सबूत नहीं है. इसका इतिहास अभी भी एक रहस्य बना हुआ है.

Tags: Best tourist spot, History of India, Hyderabad News, Local18, Travel, Travel 18



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