Shivaji Maharaj Forts : महाराष्ट्र के इतिहास में सबसे वीर और सम्मानित शासकों में से एक छत्रपति शिवाजी महाराज थे। महान योद्धा को किले बहुत अच्छे लगते थे। उन्होंने अपने शासनकाल में कई सुंदर किलों को बनाया, जो आज भी सुंदर हैं। लेकिन कम रखरखाव की वजह से कुछ संरचनाएं खंडहर की कगार पर पहुंच चुकी हैं। चलिए आज हम आपको छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा बनाए गए कुछ ऐसे सुंदर किलों के बारे में बताते हैं, जिनकी कला , सरंचना ओर सुंदरता आपको बहुत पसंद आएगी।

Chatrapati Shivaji Maharaj
Chatrapati Shivaji Maharaj

Shivaji Maharaj Forts: शिवाजी महाराज के किले

19 फरवरी, मराठा साम्राज्य का निर्माण करने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्मदिन था। देश के वीरों में शिवाजी महाराज का नाम है, जो मुगल सम्राट औरंगजेब को अपनी बहादुरी से झुकाया था। आज हम आपको उनके कुछ किलों के बारे में बताएंगे, जो उन्होंने मुश्किल समय में अपने  साम्राज्य को सुरक्षित रखने के लिए बनाए थे।

रायगढ़ किला :Raigad Shivaji Maharaj Forts

रायगढ़ किला :Raigad Shivaji Maharaj Forts

रायगढ़ किला (Shivaji Maharaj Forts ) शिवाजी महाराज के शासनकाल में सबसे महत्वपूर्ण था, जब यह राजधानी था। महाराष्ट्र के रायगढ़ Raigadh किले के महाड इलाके के  पहाड़ी पर स्थित इस फोर्ट से आसपास की घाटियों के सुंदर नजारे देख सकते हैं। आपको बता दें कि शिवाजी महाराज का भी राज्याभिषेक इसी किले के ऊपर  हुआ था। किले की चोटी तक पहुंचने के लिए 1737 सीढ़ियां हैं, लेकिन आप रोपवे भी ले सकते हैं, जो 20 मिनट में आपको किले की चोटी तक ले जाता है। मुंबई से महाड तक आप एनएच 17 पर जा सकते हैं, जो रायगढ़ से 24 किलोमीटर दूर है।

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शिवनेरी किला: Shivneri Shivaji Maharaj Forts

शिवनेरी किला: Shivneri Shivaji Maharaj Forts

Shivaneri एक महान मराठा योद्धा  छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्मस्थान था। महाराष्ट्र के पुणे के करीब जुन्नर गांव में शिवनेरी किला है। इस किले में माता शिवाई का मंदिर भी है, जिसे शिवाजी महाराज के नाम पर रखा गया था। इस किले में आप दो मीठे पानी के स्रोतों को देख सकते है जिनके नाम है जमुना और गंगा। इनके बारे में कहा जाता है कि साल के बारह महीने  पानी देते  हैं। किले में कई गुफाएं भी हैं, जो अब बंद हैं। पुणे रेलवे स्टेशन से  इस किले के पास पहुंचना काफी आसान है। वैसे आप सड़क मार्ग से भी पुणे आ सकते हैं और इस किले को देख सकते हैं। आपको बता दे की पुणे में एक इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी है जो आपको पुणे पहुंचने में काफी आसानी कर देगा।

सिंधुदुर्ग किला :Sindhudurg Shivaji Maharaj Forts

सिंधुदुर्ग किला :Sindhudurg Shivaji Maharaj Forts

सिंधुदुर्ग SINDHUDURG भारत के सर्वश्रेष्ठ समुद्री किलों में से एक है। शिवाजी महाराज जी  ने इसे कोंकण तट पर बनाया था। किले के चारों ओर की चट्टानों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये उस समय किले को दुश्मनों के हमले से बचाती थीं। इस किले को बनाने में लगभग तीन वर्ष लगे। आज 48 एकड़ में ये किला फैला हुआ है। किले में तीन जलाशय हैं जो कभी नहीं सूखते, लेकिन गांव के जलाशय गर्मी के मौसम में पूरी तरह से सूख जाते हैं। मालवन क्षेत्र से 32 किमी दूर कोंकण रेलवे स्टेशन कुडाल है। यह मुंबई-गोवा राजमार्ग पर है। आप सड़क मार्ग हो या रेल मार्ग हो या विमान मार्ग हो आप बड़ी आसानी से इस किले तक पहुंच सकते हैं। नजदीकी एयरपोर्ट है सिंधुदुर्ग और इस एयरपोर्ट के लिए फिलहाल में मुंबई से एक डेली फ्लाइट चलती है।

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प्रतापगढ़ किला: Pratapgad Shivaji Maharaj Forts

प्रतापगढ़ किला: Pratapgad Shivaji Maharaj Forts
प्रतापगढ़ किला: Pratapgad Shivaji Maharaj Forts

महाराष्ट्र के सातारा में स्थित प्रतापगढ़ किला शिवाजी महाराज जी की वीरगाथा है। इस किले को अफजल खान और शिवाजी महज जी  के बीच हुए संघर्ष के लिए भी जाना जाता है, जिसमें शिवाजी राजे  जीते थे । 1665 में, प्रतापगढ़ किला समुद्र तल से 1000 मीटर की ऊंचाई पर बनाया गया था।  ये किला वीर दासगांव रेलवे स्टेशन किले के पास है। मुंबई से आप महाबलेश्वर जा सकते हैं, जो प्रतापगढ़ से सिर्फ 24 किमी दूर है।

लोहगढ़ किला :Lohagad Shivaji Maharaj Forts

लोहगढ़ किला :Lohagad Shivaji Maharaj Forts

लोहगढ़ किला महारष्ट्र की पहाड़ियों में से एक है। पुणे से 52 किमी दूर लोनावला में ये किला हैं। सूरत से आए माल को रखने के लिए इस किले का उपयोग किया जाता था। आज ये मुंबई और पुणे के लोगों के बीच एक लोकप्रिय पर्यटन स्थान है।

यह किला ट्रैक्टर्स के लिए काफी ज्यादा मशहूर है। एडवेंचरस ट्रैकिंग में दिलचस्पी रखने वाले लोग इस किले की तरफ आ जाते हैं।

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Rajgad Fort : राजगढ Shivaji Maharaj Forts

Rajgad Fort : राजगढ Shivaji Maharaj Forts

पूरे भारत में, ये किला अपनी सुंदर वास्तुकला के लिए जाना जाता है। इसलिए इस किले को चार भागों में विभाजित किया गया है। पद्मावती माची, सुवेला माची, संजीवनी माची और बालेकिल्ला इन भागों के नाम हैं। इसके बावजूद, इस किले की संरचना बहुत सुंदर और आकर्षित है। क्योंकि काली चट्टान की किले की दीवारों पर कई सुंदर शिलालेख और डिजाइन हैं

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इस किले में आप बहुत कुछ देख सकेंगे और समझ जायेंगे। किले के अंदर और बाहर एक तालाब है , एक प्राचीन सुरंग और कई ऐतिहासिक गुफाएं देख सकते हैं। यदि आप इतिहास में रुचि रखते हैं, तो इस किले को देख लेना आपके लिए सबसे अच्छा होगा।

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