Valley Of Flowers Uttarakhand:
Valley Of Flowers Uttarakhand : हमारे भारत का प्राकृतिक सौंदर्य विश्व प्रसिद्ध है। भारत में कश्मीर से कन्याकुमारी तक कई जगहें हैं जिनके दृश्य आपको मोह लेंगे। इनमें से एक है उत्तराखंड की सुंदर गढ़वाल घाटी(Gadhval Valley)में स्थित वैली ऑफ फ्लावर्स( Valley Of Flowers Uttarakhand ) । साल 1982 में यूनेस्को ने इस घाटी को विश्व धरोहर घोषित किया। स्थानीय लोग इस स्थान को देवताओं का निवास स्थल भी कहते हैं।
इस सुंदर फूलों की घाटी में विश्व भर से दुर्लभ पक्षी, जड़ी-बूटियां, फूल और वनस्पति हैं। यही कारण है कि यहां की प्राकृतिक सुंदरता हर किसी को मोह लेती है। 1 जून से, सुंदर दृश्यों का आनंद लेने वालों के लिए वैली ऑफ फ्लॉवर खुली खुल जाती है । तो देर किस बात की? आइए जानते हैं इस स्थान से जुड़ी कुछ खास बातें-
Nanda Devi National Park : ये वेली नंदा देवी नेशनल पार्क का हिस्सा है
वेली ऑफ फ्लॉवर का क्षेत्रफल करीब 87.50 किलोमीटर है। जो 8 किलोमीटर लंबी और 2 किलो चौड़ी है। यह सुंदर पार्वती वैली समुद्रतल से 3352 मीटर की ऊंचाई पर है। यह सुंदर वैली नंदादेवी राष्ट्रीय उद्यान (Nanda Devi National Park)में है। ऐसा मानो की ये वेली नंदा देवी नेशनल प्रक का हिस्सा हैं। ऐसी कहानियाँ हैं की रामायण (Ramayana)काल में प्रभु हनुमान जी ने यहीं से संजीवनी बूटी को लाया था।
हमेशा रंग बदलती हैं ये वेली
यह घाटी स्थानीय लोगों के बहुत ज्यादा करीब है। ऐसे में वे मानते हैं कि भगवान और परियों ने इस घाटी को तैयार किया था। इतना ही नहीं, यह फूलों की घाटी एक अद्भुत दृश्य है, माना जाता है कि यह घाटी हर दो सप्ताह में रंग बदलती है। कभी लाल, कभी पीला, तो कभी नीला दिखने वाली यह घाटी सभी को आकर्षित करती है। एनीमोन, जर्मेनिया, मार्श, गेंदा, प्रिभुला, पोटेंटिल्ला, तारक और सौसुरिया सहित पांच सौ (500)से अधिक प्रजातियों के फूल यहाँ पाए जाते हैं।
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Opening Date of Valley Of Flowers Uttarakhand : घाटी के खुलने का समय-
जून से अक्टूबर (June To October )तक केवल गर्मियों के मौसम में वैली ऑफ फ्लावर्स (Valley Of Flowers Uttarakhand)खुला रहता है। शेष महीनों में घाटी में बर्फबारी होती रहती है। ऐसे में पांच महीने घूमने का सबसे अच्छा समय है।
Valley Of Flowers Uttarakhand Trek
फूलों की घाटी की यात्रा गोविंदघाट के सुंदर गांव से शुरू होती है, जो ऋषिकेश (Rishikesh)और देहरादून (Dehradun) जैसे प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। गोविंदघाट से, आप घाटी तक पहुँचने के लिए लगभग 16 किलोमीटर की रोमांचक यात्रा शुरू कर सकेंगे।
ट्रेक मध्यम कठिनाई वाला है और आपकी गति के आधार पर लगभग 4-5 घंटों में पूरा किया जा सकता है। यह रास्ता आपको मनमोहक जंगलों, तेज़ बहती नदियों और मनमोहक घास के मैदानों से होकर ले जाता है, और हर मोड़ पर आसपास के पहाड़ों का मनोरम दृश्य पेश करता है।
रास्ते में, आपको कई छोटी-छोटी बस्तियाँ मिलेंगी, जैसे घांघरिया, जो ट्रेकर्स के लिए आधार के रूप में कार्य करती है। यहां, आप फूलों की घाटी की यात्रा जारी रखने से पहले आवास और जलपान कर सकते हैं।
जैसे ही आप घाटी में पहुंचेंगे, आपका स्वागत एक ऐसे दृश्य से होगा जिसे देखकर आप अवाक रह जाएंगे। फूलों की विशाल घाटी, ताज़ी पहाड़ी हवा और आसपास की शांति आनंद का माहौल बनाती है। घाटी के विभिन्न हिस्सों को देखने के बाद आप साहि मायने मे अपने आप को नासिबवाला कहेंगे।
How To Reach Valley Of Flowers Uttarakhand : कैसे पहुंचे फूलों की घाटी?
दिल्ली से वैली ऑफ फ्लावर्स (Delhi To Valley Of Flowers )तक पहुंचने के लिए इस रास्ते को फॉलो करना होगा। इसके लिए आप दिल्ली से हरिद्वार, (Haridwar)हरिद्वार से ऋषिकेश, ऋषिकेश से रुद्रप्रयाग, रुद्रप्रयाग से जोशीमठ (Joshimath)और जोशी से गोविंदघाट तक पैदल चल सकते हैं। इसके बाद आपको गोविंदघाट से घांघरिया और घांघरिया से फूलों की घाटी तक पहुंचना होगा। आप चाहें तो इस घाटी के सुंदर दृश्यों को हेलिकॉप्टर से भी देख सकते हैं।
तो दोस्तों देर किस बात की अभी अपनी बैकपैक कीजिए और निकाल पढ़िए उत्तराखंड के इस खूबसूरत फूलों की घाटी की तरफ यह आर्टिकल आपको कैसे लगा हमको जरूर कमेंट करके बता दीजिएगा और हमारे वेबसाइट को सब्सक्राइब भी जरूर कीजिएगा अपने फ्रेंड्स और फैमिली के साथ इस आर्टिकल को आप शेयर कीजिएगा।